Asian Swallow Tail Butterfly | स्वैलोटेल तितलियों की पूरी जानकारी| Hindi
स्वैलोटेल तितलियों की पूरी जानकारी
स्वैलोटेल नाम कैसे पड़ा?
कुछ स्वैलोटेल तितलियों के पिछले पंखों का नुकीला आकार, जब वे अपने पंख फैलाकर विश्राम करती हैं, स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। इसी विशेषता के कारण इनका नाम "स्वैलोटेल" पड़ा।
स्वैलोटेल तितलियों की पहचान
स्वैलोटेल तितलियां पैपिलियोनिडे परिवार की बड़ी और रंग-बिरंगी तितलियां हैं, जिनमें 550 से अधिक प्रजातियाँ शामिल हैं। हालांकि अधिकांश प्रजातियां उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाई जाती हैं, यह परिवार अंटार्कटिका को छोड़कर हर महाद्वीप पर पाया जाता है।
इस परिवार में दुनिया की सबसे बड़ी तितलियाँ शामिल हैं, जैसे कि पक्षी जैसे पंखों वाली ऑर्निथॉप्टेरा प्रजातियां।
विशेष लक्षण
स्वैलोटेल तितलियों में कई अद्वितीय विशेषताएँ होती हैं। उदाहरण के लिए, पैपिलियोनिड कैटरपिलर (लार्वा) के प्रथोरैक्स (सिर के पीछे का भाग) पर ऑस्मेटेरियम नामक एक विशेष अंग होता है। सामान्य स्थिति में यह अंग छुपा रहता है, लेकिन जब खतरा महसूस होता है, तो लार्वा इसे एक विशेष दरार से बाहर निकालता है और यह तरल पदार्थ से भर जाता है।
वर्गीकरण और ऐतिहासिक नामकरण
लिनियस ने पैपिलियो को इस समूह के लिए प्रमुख जीनस के रूप में चुना, क्योंकि लैटिन में "पैपिलियो" का अर्थ तितली होता है।
प्रजाति-विशिष्ट नामों में लिनियस ने यूनानी पौराणिक पात्रों के नामों का उपयोग किया। उदाहरण के लिए, पैपिलियो माकाओन का नाम इलियड में वर्णित एस्क्लेपियस के पुत्र माकाओन के नाम पर रखा गया। वहीं पैपिलियो होमरस का नाम यूनानी कवि होमर के नाम से प्रेरित है।
संस्कृतिक महत्व
जापान में तैरा वंश का प्रतीक चिह्न "एजोहाचो" (स्वैलोटेल तितली) है। यह तितली वहाँ विशेष सम्मान और सांस्कृतिक महत्व रखती है।
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