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Long-legged Douc: A colourful and endangered woodland fairy||

लाल-टांगों वाला डौक: रंगबिरंगी और संकटग्रस्त वन-परी

लाल-टांगों वाला डौक

प्रकृति का रंगबिरंगा चमत्कार, जो विलुप्ति के कगार पर है

Red Shacked Doucs Family.

दक्षिण-पूर्व एशिया के घने वर्षावनों में एक ऐसा प्राणी रहता है, जिसे देखकर लगता है मानो किसी कलाकार ने रंगों की पैलेट से खेलकर इसे रचा हो। यह है लाल-टांगों वाला डौक (Red-Shanked Douc), जो दुनिया के सबसे रंगीन और खूबसूरत स्तनधारियों में से एक है। परंतु यह आकर्षक प्राणी आज गंभीर रूप से संकटग्रस्त है और विलुप्ति के कगार पर खड़ा है।

वैज्ञानिक नाम: Pygathrix nemaeus
संरक्षण स्थिति: लुप्तप्राय (Endangered) - IUCN रेड लिस्ट
मुख्य आवास: लाओस, वियतनाम और कंबोडिया के वन

पहचान और शारीरिक विशेषताएं

लाल-टांगों वाले डौक को उसके अद्वितीय रंगों से आसानी से पहचाना जा सकता है। इसके शरीर का रंग-विन्यास अद्भुत है:

  • चेहरा: हल्के नारंगी-सुनहरे रंग का, जिस पर काली पट्टियाँ और एक सफेद मूंछ जैसी रेखा होती है।
  • आँखें: गहरी, बुद्धिमान और मनुष्यों जैसी भावनाएँ व्यक्त करती प्रतीत होती हैं।
  • हाथ-पैर: इनकी टांगों के ऊपरी हिस्से (जांघ) ज्वलंत लाल रंग के होते हैं, जिनके कारण इनका नाम "लाल-टांगों वाला" पड़ा। पैर काले रंग के होते हैं।
  • शरीर: धूसर-नीले रंग का, जबकि छाती और गला सफेद होता है। पूँछ लंबी और सफेद रंग की होती है।
  • आकार: नर का वजन लगभग 11 किलोग्राम और मादा का 8.5 किलोग्राम तक होता है। शरीर की लंबाई 55-65 सेमी और पूँछ 60-80 सेमी तक लंबी हो सकती है।

प्राकृतिक आवास और व्यवहार

यह प्रजाति मुख्य रूप से लाओस, मध्य वियतनाम और पूर्वोत्तर कंबोडिया के प्राथमिक और द्वितीयक वर्षावनों में पाई जाती है। ये पेड़ों पर रहने वाले (आर्बोरियल) प्राणी हैं और ज़मीन पर बहुत कम उतरते हैं।

समाजिक संरचना:

डौक बहुत सामाजिक प्राणी हैं। ये 4 से 15 सदस्यों के समूहों में रहते हैं, कभी-कभी 50 तक के बड़े समूह भी देखे गए हैं। समूह में एक नर प्रमुख होता है। ये शांतिप्रिय होते हैं और संवाद के लिए विभिन्न चेहरे के भाव और शारीरिक मुद्राओं का उपयोग करते हैं।

आहार:

ये मुख्य रूप से शाकाहारी हैं। इनका आहार पत्तियों, फलों, फूलों और बीजों तक सीमित है। इनकी विशेष पाचन प्रणाली (जटिल आमाशय) कठोर पत्तियों को पचाने में सक्षम होती है।

विशेषता विवरण
प्रजनन मादा लगभग 165-190 दिनों की गर्भावस्था के बाद एक शावक को जन्म देती है। शावक जन्म के तुरंत बाद माँ से चिपक जाता है।
जीवनकाल प्राकृतिक वातावरण में लगभग 25 वर्ष तक जीवित रह सकते हैं।
मुख्य शिकारी बाघ, तेंदुआ, बड़े सांप और मानव (शिकार के माध्यम से)।
सक्रियता दिन में सक्रिय (डायनर्नल)। सुबह और देर दोपहर में सबसे अधिक सक्रिय रहते हैं।

संरक्षण की चुनौतियाँ

लाल-टांगों वाला डौक IUCN की रेड लिस्ट में 'लुप्तप्राय' (Endangered) श्रेणी में सूचीबद्ध है। इसके अस्तित्व पर मंडराते खतरे बहुआयामी हैं:

  1. आवास विनाश: खेती, अवैध लकड़ी कटाई और बुनियादी ढांचे के विकास के कारण वर्षावनों का तेजी से क्षरण हो रहा है।
  2. अवैध शिकार: बुशमीट (जंगली मांस) के लिए शिकार और पारंपरिक चिकित्सा में उपयोग के लिए इनका शिकार किया जाता है।
  3. पालतू जानवरों के लिए अवैध व्यापार: इनकी सुंदरता के कारण इन्हें पकड़कर अवैध रूप से बेचा जाता है, हालांकि ये पालन के लिए उपयुक्त नहीं हैं और जल्द ही मर जाते हैं।
  4. युद्ध का प्रभाव: वियतनाम युद्ध के दौरान एजेंट ऑरेंज जैसे रसायनों के छिड़काव से इनके आवास दीर्घकालिक नुकसान पहुँचा है।

संरक्षण के प्रयास

विश्व भर के संरक्षणविद् और स्थानीय संगठन इस अनूठी प्रजाति को बचाने के लिए प्रयासरत हैं:

  • संरक्षित क्षेत्र: वियतनाम और लाओस में राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों (जैसे सोन त्रा प्रकृति अभयारण्य, वियतनाम) का निर्माण और सुरक्षा।
  • कानूनी सुरक्षा: सभी देशों में इनके शिकार और व्यापार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने वाले कानून बनाए गए हैं।
  • जागरूकता अभियान: स्थानीय समुदायों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस प्रजाति के बारे में जागरूकता फैलाना।
  • वैज्ञानिक शोध: आबादी की निगरानी, आवास अध्ययन और प्रजनन व्यवहार पर शोध कार्य को बढ़ावा देना।
  • वैकल्पिक आजीविका: स्थानीय लोगों को वन संसाधनों पर निर्भरता कम करने के लिए वैकल्पिक आजीविका के साधन उपलब्ध कराना।

हम क्या कर सकते हैं? हम इनकी सुरक्षा के लिए जागरूकता फैला सकते हैं, जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा दे सकते हैं और उन संगठनों का समर्थन कर सकते हैं जो इनके आवास की रक्षा के लिए काम कर रहे हैं।

निष्कर्ष

लाल-टांगों वाला डौक हमारे ग्रह की जैव विविधता का एक अनमोल और अद्वितीय हिस्सा है। यह केवल एक प्रजाति नहीं, बल्कि स्वस्थ वर्षावन पारिस्थितिकी तंत्र का सूचक है। इसकी रक्षा करना केवल एक प्राणी को बचाना नहीं, बल्कि एक पूरे पर्यावरण तंत्र और हमारी प्राकृतिक विरासत को संरक्षित करना है। आइए, हम सब मिलकर इस रंगबिरंगी वन-परी के भविष्य को सुरक्षित करने का संकल्प लें।

© 2023 प्रकृति संरक्षण जागरूकता शृंखला। यह जानकारी विभिन्न वैज्ञानिक शोधों और IUCN रेड लिस्ट पर आधारित है।

संदर्भ: IUCN Red List, WWF, प्राइमेट स्पेशलिस्ट ग्रुप, वन्यजीव संरक्षण सोसायटी।

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